प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव फंदे से लटका मिला है। पुलिस को शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला है। शक की सुई उनके शिष्य आनंद गिरि पर है। हालांकि अभी पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। कुछ समय पहले ही स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच विवाद हुआ था।
बाघम्बरी पीठ की गद्दी को लेकर रार
बताया जा रहा था कि इस विवाद की जड़ बाघम्बरी पीठ की गद्दी थी। कुछ साल पहले स्वामी आनंद गिरि ने खुद को महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी घोषित किया था। जिसका बाद में महंत नरेंद्र गिरि ने जोरदार खंडन करते हुए कहा था कि सभी शिष्य हैं, उत्तराधिकारी कोई नहीं। महंत नरेंद्र गिरि ने कभी किसी को अपना उत्तराधिकारी घोषित भी नहीं किया। इस बीच दूसरे शिष्यों की महंत नरेंद्र गिरि से करीबियां भी आनंद गिरि के गले नहीं उतर रही थी। ऐसे में यह विवाद और गहरा गया था। विवाद के दौरान आनंद गिरी नरेंद्र गिरी के खिलाफ मीडिया और सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो और बयान जारी किए थे। हालांकि, कुछ माह पहले उसने नरेंद्र गिरी से माफी मांग ली थी।