5 हजार रुपये कमाने वाले ट्यूशन टीचर अलख ने खड़ी की 7700 करोड़ रुपये की कंपनी, जानिए कैसे किया कमाल

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के प्रयागराज शहर के युवा ट्यशन टीचर अलख पांडेय (Alakh Pandey) ने 7700 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी करके सबको चौंका दिया है। अलख कुछ साल पहले महज पाचं हजार रुपये हर माह ट्यूशन से कमा रहे थे। अलख की शिक्षा प्रौद्योगिकी (edtech platform) कंपनी फिजिक्सवाला (PhysicsWallah) 10 करोड़ डॉलर (करीब 777 करोड़ रुपये) का नया वित्तपोषण जुटाने के साथ देश की 101वीं यूनिकॉर्न (unicorn) बन गई है। यूनिकॉर्न का मतलब एक अरब डॉलर से अधिक (7700 करोड़ रुपये) के बाजार मूल्यांकन से है। PhysicsWallah ने शृंखला-ए वित्तपोषण दौर में वेस्टब्रिज (Westbridge )और जीएसवी वेंचर्स (GSV Ventures) से 1.1 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर यह निवेश जुटाया है। आपको बता दें कि शृंखला ए वित्तपोषण दौर में यह उपलब्धि हासिल करने वाली यह पहली शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी है।

40 करोड़ रुपये की नौकरी की पेशकश ठुकराई

शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी अनएकेडमी की ओर अलख को 2016 में 40 करोड़ रुपये वेतन की पेशकश की गई थी। लेकिन अलख ने उस पेशकश को ठुकरा दिया। 2014 में कानपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज की पढाई तीसरे वर्ष में छोड़कर फिर प्रयागराज अपने होम टाउन चले गए और एक कोचिंग संस्थान से जुड़ गए। यहां महज उन्हें पांच हजार रुपये मिल रहे थे। इसके बाद उन्हें दूसरे कोचिंग संस्थान से भी ऑफर मिला। अलख आठवीं क्लास से ट्यूशन पढ़ा रहे हैं।

यूट्यूब से बनी नई पहचान और बरसने लगी दौलत

अलख ने 2016 में यूट्यूब से शुरुआत की। पहले साल उनके चैनल के महज चार हजार सब्सक्राइबर थे। लेकिन वर्ष 2019 में बढ़कर 22 लाख हो गए तब से हर साल 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर जुड़ रहे हैं। 2022 में सब्सक्राइबर की संख्या बढ़कर 68 लाख पहुंच गई है। फिजिक्सवाला की वित्त वर्ष 2021 में कमाई 29 करोड़ रुपये थी जो वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 270 करोड़ रुपये पहुंच गई।

10 हजार छात्रों को इंजीनियर-डॉक्टर बनाया

PhysicsWallah का दावा है कि 2020 और 2021 में कुल 10 हजार लोगों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षाओं (engineering and medical entrance exams ) में सफलता दिलाने में कामयाब रहे। यानी 10 हजार छात्रों को इंजीनियर और डॉक्टर बनने में मदद की। कंपनी का दावा का है कि मेडिकल में हर छह में एक और इंजीनियरिंग में हर 10 में एक सफल छात्र उनके पढ़ाए हुए हैं।