दक्षिण अफ्रीका में वांछित भारतीय मूल के फरार गुप्ता बंधुओं (राजेश और अतुल) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के शासन के दौरान राजनीतिक भ्रष्टाचार के आरोपों में वांछित थे। इंटरपोल ने तीन भाइयों में से दो राजेश गुप्ता (51) और अतुल गुप्ता (53) के खिलाफ ‘रेड नोटिस’ जारी किया था जो जुमा के शासन के दौरान सरकारी कंपनियों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीका की मुद्रा) के घोटाले में जांच के बीच सपरिवार दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गए थे। दुबई पुलिस ने एक बयान में कहा कि राजेश और अतुल को दक्षिण अफ्रीका में धनशोधन और आपराधिक आरोपों के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। वर्तमान में इंटरपोल की अध्यक्षता यूएई कर रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय गुप्ता (56) को भी गिरफ्तार किया गया है या नहीं।
राष्ट्रपति को गंवाना पड़ा था पद
गुप्ता परिवार 2018 में दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर चला गया था। उसी साल व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने जूमा को राष्ट्रपति (jacob zuma president of South Africa) पद से हटाते हुए सिरिल रामफोसा को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था। कई गवाहों ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में ज़ूमा के नौ साल के कार्यकाल में हुए बड़े घोटालों और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्तियों में गुप्ता बंधुओं की भूमिका होने की गवाही दी। जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्ता बंधुओं ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी।
अफ्रीका में जूते की दुकान से शुरुआत
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी। इसके बाद उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों के जरिये अपने कारोबार का विस्तार किया।
बैंक ऑफ बड़ौदा का भी घोटाले में आया था नाम
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था। ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता बंधुओं के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं।