नई दिल्ली। भारतीय बच्चों एवं युवाओं में ई-सिगरेट, वैप्स, इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम, हीट-नॉट-बर्न प्रोडक्ट्स, ई-हुक्का और इसी तरह के अन्य उपकरणों के बढ़ते खतरों के खिलाफ चिंतित माताओं के संयुक्त मोर्चा मदर्स अगेंस्ट वैपिंग (mothersagainstvaping) ने बताया है कि अभिनेत्री-फिल्म निर्माता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता नंदिता दास (Actress Film Producer Nandita Das) उनके प्रयासों का समर्थन करेंगी।
अभिनेत्री ने कही दिल छू लेने वाली बात
मदर्स अगेंस्ट वैपिंग के अभियान से जुड़ने पर नंदिता दास (Nandita Das) ने कहा, ‘हमारे बच्चों एवं युवाओं के बीच नए जमाने के तंबाकू उत्पादों का बढ़ता प्रचलन हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय होना चाहिए। एक किशोर की मां होने के नाते, मैं इस खतरे को समझती हूं और आशा करती हूं कि कोई भी बच्चा ऐसे हानिकारक व्यसनों का शिकार न बने। इस मसले को लेकर हमें तत्काल व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर पर ध्यान देने की जरूरत है। इसीलिए मैं ई-सिगरेट, वैप्स और हीट-नॉट-बर्न प्रोडक्ट्स आदि के बढ़ते प्रसार को रोकने की दिशा में ‘मदर्स अगेंस्ट वैपिंग’ के प्रयासों का पूरे दिल से समर्थन कर रही हूं।’
इस बात के लिए बच्चों को सराहा
नंदिता ने आगे कहा, ‘आज के बच्चे बुद्धिमान हैं और उनके पास बहुत सारी जानकारियां रहती हैं। वे खुलकर बोलते हैं और तर्कसंगत भी हैं। इसलिए हमें उन्हें तार्किक रूप से ऐसे उपकरणों के खतरों के बारे में समझाना होगा, जो देखने में आकर्षक या कूल लग सकते हैं। यदि हम बच्चों के साथ रचनात्मक तरीके से बात करें और उनकी भावनाओं को समझें, तो वे भी हमारी बात समझेंगे। बच्चों की उम्र ऐसी होती है, जिसमें अपने दोस्तों का दबाव बहुत होता है और उससे बचना भी मुश्किल होता है। ऐसे में हमें उनका आत्मविश्वास बढ़ाने और पूरी जानकारी के साथ ही कोई विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करना होगा। आइए एक स्वस्थ निर्णय लेने में हम उनका सहयोग करें।’
कुछ जानकारियां भी की साझा
अपने मिशन से नंदिता के जुड़ने के अवसर पर मदर्स अगेंस्ट वैपिंग ने वैपिंग करने वाले बच्चों एवं किशोरों से जुड़े एक नए खतरे की जानकारी भी दी। शोध बताते हैं कि ऐसे बच्चों में अब यूरेनियम और सीसे (लेड) के संपर्क में आने का खतरा भी बढ़ गया है। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, वैपिंग डिवाइस और अन्य हीट नॉट बर्न डिवाइस जैसे नए जमाने के तंबाकू उपकरणों के संपर्क में आने से मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है और बच्चों एवं किशोरों के मानसिक विकास पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
शोध में हुआ डरावना खुलासा
जर्नल टबैको कंट्रोल में प्रकाशित एक हालिया शोध का उल्लेख करते हुए मदर्स अगेंस्ट वैपिंग ने वैपिंग और यूरेनियम एवं लेड के बढ़े हुए स्तर के बीच संबंध पर प्रकाश डाला। इस अध्ययन के दौरान यूरेनियम, कैडमियम और लेड की मौजूदगी का पता लगाने के लिए वैपर्स का यूरिन टेस्ट किया गया। शोध में यह भी सामने आया कि मीठे स्वाद वाली (स्वीट फ्लेवर्ड) वैपिंग डिवाइस का प्रयोग करने वाले वैपर्स में यूरेनियम का स्तर बढ़ा हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया कि फल, चॉकलेट या अन्य मीठे फ्लेवर्स को प्राथमिकता देने वाले वैपर्स में अन्य की तुलना में यूरेनियम का स्तर 90 प्रतिशत अधिक पाया गया।
ऐसे कई प्रमाण हैं जो दिखाते हैं कि बच्चों एवं वयस्कों दोनों में नए जमाने के तंबाकू उपकरणों के उपयोग से हानिकारक प्रभाव पड़ता है। पारंपरिक सिगरेट को आमतौर पर कुछ ही मिनटों में पी लिया जाता है, वहीं ऐसे डिवाइस के कारण लोग ज्यादा देर तक वैपिंग करते रहते हैं। इन उपकरणों के ई-लिक्विड में पाए जाने वाले अति सूक्ष्म कण एवं केमिकल्स से केमिकल पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ जाता है।