21 से 23 सितंबर तक अमेरिका में होंगे पीएम मोदी, क्वाड और यूएनजीए शिखर सम्मेलनों को करेंगे संबोधित

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेंगे। वह इस दौरान डेलावेयर के विलमिंगटन में चौथे क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की मेजबानी 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन करेंगे।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने मंगलवार कहा, “इस वर्ष क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के अमेरिकी पक्ष के अनुरोध के बाद, भारत ने 2025 में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने पर सहमति व्यक्त की है।’

मंत्रालय ने कहा, ‘क्वाड शिखर सम्मेलन में, नेता पिछले एक वर्ष में क्वाड द्वारा हासिल की गई प्रगति की समीक्षा करेंगे। साथ ही वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों की उनके विकास लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद के लिए आने वाले वर्ष का एजेंडा निर्धारित करेंगे।’

क्वाड बैठक में पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस के साथ भाग लेंगे। वहीं जो बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के लिए फेयरवेल मीटिंग भी आयोजित होगी।

जो बाइडेन अगला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और किशिदा अपना पद छोड़ने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे। इसका विषय इस बार ‘बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान’ रखा गया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “शिखर सम्मेलन में बड़ी संख्या में वैश्विक नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”

न्यूयॉर्क में रहते हुए, प्रधानमंत्री मोदी 22 सितंबर को भारतीय समुदाय की एक सभा को भी संबोधित करेंगे।

पीएम मोदी एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और वायोटेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत करेंगे।

डायस्पोरा इवेंट ‘मोदी एंड यूएस प्रोग्रेस टुगेदर’, न्यूयॉर्क के उपनगर यूनियनडेल में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम के टिकट के लिए 25,000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “प्रधानमंत्री के भारत-अमेरिका द्विपक्षीय परिदृश्य में सक्रिय विचारकों और अन्य हितधारकों के साथ भी बातचीत करने की उम्मीद है।”

–आईएएनएस

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