वैश्विक तनाव, डिजिटलाइजेशन और जलवायु परिवर्तन विकास को दे रहे नया आकार: डब्ल्यूटीओ

जेनेवा, 10 सितंबर (आईएएनएस)। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनाव, डिजिटल क्रांति और जलवायु परिवर्तन का असर व्यापार-आधारित विकास पर पड़ रहा है।

2024 की “वर्ल्ड ट्रेड रिपोर्ट” में डब्ल्यूटीओ ने अनुमान लगाया है कि वैश्विक कारक जैसे भू-राजनीतिक तनाव, क्षेत्रीय संघर्ष और व्यापार प्रतिबंधों ने पिछले 30 वर्षों में विश्व आर्थिक विकास की स्थिर नींव को प्रभावित किया है, जिससे व्यापार में विखंडन का खतरा बढ़ गया है।

दूसरी ओर, आधुनिक निर्माण की बढ़ती पूंजी और कौशल की तीव्रता ने निम्न-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में निर्माण-आधारित विकास की गुंजाइश को कम कर दिया है। इसी बीच, जलवायु परिवर्तन इन देशों के लिए और भी बड़ी चुनौतियां पेश कर रहा है।

हालांकि, रिपोर्ट ने इन वैश्विक प्रवृत्तियों द्वारा लाए गए नए अवसरों को भी रेखांकित किया है। उदाहरण के लिए, विकासशील अर्थव्यवस्था डिजिटलाइजेशन के माध्यम से व्यापार लागत कम कर सकती हैं, सेवा-आधारित विकास की ओर रुख कर सकती हैं, या वैश्विक हरित परिवर्तन में रिन्यूएबल रिसोर्सेज की मांग का लाभ उठा सकती हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, रिपोर्ट में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए हैं कि 30 साल पहले डब्ल्यूटीओ की स्थापना के बाद से व्यापार ने अर्थव्यवस्थाओं के बीच आय असमानताओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, “शायद इस रिपोर्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसमें गरीबी कम करने और साझा समृद्धि पैदा करने में व्यापार की परिवर्तनकारी भूमिका की पुनः पुष्टि की गई है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि वैश्वीकरण के पिछले 30 वर्षों के दौरान पीछे छूट गए अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के लिए व्यापार और विश्व व्यापार संगठन को बेहतर बनाने के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1996 और 2021 के बीच सकल घरेलू उत्पाद का उच्च व्यापार हिस्सा निम्न और मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से जुड़ा हुआ था, जिससे उन्हें उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद में अंतर को कम करने में मदद मिली।

विश्व व्यापार संगठन ने व्यावसायिक प्रशिक्षण, बेरोजगारी लाभ, अधिक कुशल और गतिशील कार्यबल के लिए शिक्षा, तथा प्रतिस्पर्धा नीति जैसी सहायक घरेलू नीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, ताकि उपभोक्ताओं को कम कीमतों, विश्वसनीय बुनियादी ढांचे और अच्छी तरह से काम करने वाले वित्तीय बाजारों का फायदा मिल सके।

रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच बेहतर समन्वय की भी बात कही गई है, क्योंकि इससे व्यापार नीतियों और पूरक नीतियों के बीच तालमेल बढ़ाने में मदद मिल सकती है और अर्थव्यवस्थाओं के बीच समावेशिता को बढ़ावा मिल सकता है।

-आईएएनएस

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