संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के महासचिव जुराब पोलोलिकाशविलि ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभाव से उबर रहे पर्यटन उद्योग को यूक्रेन में जारी युद्ध तथा मुद्रास्फीति जैसे दबावों का सामना करना पड़ रहा है। पोलोलिकाशविलि ने दुनिया के पर्यटन उद्योग को राहत देने के लिए भारत को लेकर एक बड़ी बात कही है।
पोलोलिकाशविलि ने कहा कि पर्यटन उद्योग को प्रभावित करने वाला एक अन्य घटक चीन जैसे कुछ एशियाई देशों का अब भी बंद होना है। पोलोलिकाशविलि ने कहा, चीन का बाजार उद्योग के लिए बहुत आवश्यक है। आज तक चीन बंद है, यह उनके लिए तथा बाकी की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। पोलोलिकाशविलि ने कहा, दामों में वृद्धि से होटल और परिवहन लागत प्रभावित हुई तथा आज के समय में आसानी से खर्च करने की लोगों की अक्षमता और युद्ध से परेशानी बढ़ी है। युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों का ढांचा ही बदल दिया है। रूस एक बड़ा बाजार है विशेषकर यूरोप के लिए। उन्होंने कहा, रूस के लोगों की यूरोप में अनेक आवासीय संपत्तियां हैं और इसने यूरोपीय बाजार को बहुत प्रभावित किया।
विदेशी यात्रियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार
पोलोलिकाशविलि ने कहा कि विदेशी यात्रियों के लिए भारत भी एक बड़ा बाजार है। भारत हमारे संगठन का एक सक्रिय सदस्य है, जरूरत है कि वहां पर और यूरोपीय स्कूलों की मौजूदगी हो। लोगों, पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में निवेश वाकई में महत्वपूर्ण है।