सूक्ष्म पोषक तत्वों के बिना उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग वैश्विक आबादी को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ी चिंता का विषय है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार फोर्टिफिकेशन के जरिये पोषक तत्वों की कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रही है। सूक्ष्म पोषक तत्वों के बिना उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग वैश्विक आबादी को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ी चिंता का विषय है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और देश की खाद्य व पोषण सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन (आईजेडए) ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) और इंडिया लीड जिंक डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएलजेडडीए) से साझेदारी में जिंक उर्वरक और खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए कच्चे माल पर एक वर्चुअल राउंडटेबल की मेजबानी की।
खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा
इस कार्यक्रम के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, आईजेडए, अमेरिका के डॉ. एंड्र्यू ग्रीन, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा, इंडिया लीड जिंक डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएलजेडडीए) के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एल पुगाजेंती उपस्थति रहे। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फोर्टिफाइड क्रॉप की आपूर्ति एवं फर्टिलाइजर सब्सिडी समेत विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘जिंक जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट का नहीं होना फसलों पर सीधा प्रभाव डालता है, जो खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा है। हम मृदा परीक्षण के लिए व्यवस्था को मजबूत करने, माइक्रोन्यूट्रिएंट फर्टिलाइजर्स को विकसित करने के लिए जरूरी रिसर्च एवं डेवलपमेंट करने और संबंधित लोगों में जागरूकता लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम अगले कुछ वर्षों में इस लक्ष्य को पाने की उम्मीद कर रहे हैं।’
जिंक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
अपने संबोधन में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, ‘महामारी के इस दौर में हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने और हमारी सुरक्षा करने में जिंक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमारे रोजाना के भोजन में इस महत्वपूर्ण माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी सभी के लिए चिंता की बात है और सभी को फूड फोर्टिफिकेशन की दिशा में मिलकर काम करना होगा। हमने आईजेडए से साझेदारी की है और नए उत्पादों व टेक्नोलॉजी के लिए शोध कर रहे हैं, जिससे जिंक को जिंक फर्टिलाइजर उत्पादन के लिए कच्चे माल में बदला जा सके। हमने राजस्थान के उदयपुर में जिंक फर्टिलाइजर ट्रायल भी शुरू किया है।’