मायापुर, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा राजापुर से मायापुर इस्कॉन पहुंचे। इस्कॉन में उनके 56 भोग समेत कई आयोजन में देश-विदेश से हजारों की संख्या में भक्त शामिल हो रहे हैं।
जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को राजापुर से नादिया स्थित मायापुर इस्कॉन मंदिर लाया गया। इस इस्कॉन मंदिर को जगन्नाथ देव की मौसी का घर माना जाता है। मायापुर इस्कॉन मंदिर में देवताओं को विपरीत रथ के सामने रखकर पूजा की जाती है।
इस्कॉन मंदिर में जगन्नाथ देव का मंडप बनाया गया है। यहां हर दिन सुबह 4:30 बजे मंगल आरती शुरू होती है और दोपहर 12:30 बजे जगन्नाथ देव को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं। इसमें पास्ता, बर्गर, क्रीम रोल, डोनट आदि शामिल हैं। बड़ी संख्या में भक्त देश-विदेश से जगन्नाथ देव के दर्शन के लिए आ रहे हैं।
मायापुर इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी रसिक गौरांग दास ने बताया कि बलभद्र, सुभद्रा और बड़ादेव को रथयात्रा के सातवें दिन मायापुर इस्कॉन में उनकी मौसी के घर लाया गया। सात दिन के बाद वे अपने घर के लिए रवाना होंगे। इन सात दिनों के दौरान मायापुर इस्कॉन में विभिन्न अनुष्ठानों के साथ भगवान जगन्नाथ को 56 भोग अर्पित किए गए।
उन्होंने कहा कि चूंकि जगन्नाथ देव खाने के शौकीन थे, इसलिए उनके पसंदीदा केक के लड्डू से लेकर पास्ता और पसंदीदा फल कटहल का भोग लगाया जाएगा। जगन्नाथ देव भोग समारोह में देश भर से सैकड़ों भक्त भाग लेते हैं। हर दिन लगभग दो हजार लोगों के बीच जगन्नाथ देव प्रसाद वितरित किया जाता है। दास ने सभी भक्तों से इस जगन्नाथ देव प्रसाद को स्वीकार करने का अनुरोध भी किया।
–आईएएनएस
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