पी8आई विमान बहुराष्ट्रीय नौसैनिक युद्धाभ्यास में भाग लेने डार्विन पहुंचा

डार्विन, 8 सितंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के डार्विन शहर में रविवार से शुरू 16वें बहुराष्ट्रीय नौसैनिक युद्धाभ्यास ‘एक्सर्साइज काकाडू 2024’ के लिए भारत का अत्याधुनिक लॉन्ग रेंज सर्विलांस और पेट्रोलिंग विमान पी8आई डार्विन पहुंच गया है।

रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी द्वारा द्वारा आयोजित इस युद्धाभ्यास में 30 से ज्यादा देशों के युद्धपोत, हेलीकॉप्टर और पेट्रोलिंग जहाज हिस्सा लेंगे।

रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी ने रविवार की दोपहर भारतीय दल का स्वागत करते हुए अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “स्वागत भारत! भारतीय नौसेना का पी8आई विमान काकाडू 2024 युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए डार्विन पहुंच गया है। इस साल के अभ्यास में पांच देशों के समुद्री गश्ती विमान, 10 से अधिक देशों के युद्धपोत और सशस्त्र बल के 3,000 से अधिक जवान शामिल होंगे।”

इस युद्धाभ्यास का आखिरी बार आयोजन 2022 में किया गया था, जिसमें भारत की ओर से पी8आई विमान और युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा ने हिस्सा लिया था। आईएनएस सतपुड़ा भारत के पूर्वी समुद्री मोर्चे पर तैनात अग्रिम पंक्ति का युद्धपोत है।

ऑस्ट्रेलियन नेवी के प्रमुख वाइस एडमिरल मार्क हैमंड ने रविवार को कहा कि काकाडू युद्धाभ्यास रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी द्वारा आयोजित सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास है। यह इसमें शामिल होने वाले सभी सशस्त्र बलों के बीच संबंधों को गहरा करता है। ऑस्ट्रेलिया एक समुद्री से घिरा राष्ट्र है, जो हमारे पड़ोसियों की तरह समुद्र तक पहुंच से समृद्धि प्राप्त करता है, जिसे कायम रखने के लिए मजबूत नौसेना और मजबूत साझेदारी जरूरी है।

काकाडू युद्धाभ्यास की इस वर्ष की थीम ‘भरोसेमंद एवं प्रमाणित साझेदारियों के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग’ है।

वाइस एडमिरल हैमंड ने आगे कहा, “काकाडू युद्धाभ्यास सैनिकों, अधिकारियों और नाविकों और एविएटर्स को सामरिक समुद्री गतिविधियों की एक श्रृंखला में अपने कौशल का अभ्यास करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष अभ्यास के सभी पहलुओं में हमारे अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के अधिक एकीकरण के साथ अंतर-संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

वाइस एडमिरल हैमंड ने अपने बयान में कहा, “समुद्री सुरक्षा के बिना कोई आर्थिक सुरक्षा नहीं हो सकती। काकाडू में भाग लेने वाले प्रत्येक देश इस दृष्टिकोण और अपने राष्ट्रों को सुरक्षित, संरक्षित और मजबूत रखने की हमारी साझा प्रतिबद्धता में एकजुट हैं।”

समुद्री अभ्यास कार्यक्रम के अलावा, बंदरगाह चरण में ब्रीफिंग, फ्लीट कमांडरों और वरिष्ठ नेताओं का सम्मेलन, समारोह और सांस्कृतिक, सामाजिक तथा खेल कार्यक्रम शामिल होंगे।

–आईएएनएस

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