जम्मू, 13 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होगा इसे लेकर अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इस बीच केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर बड़ा फैसला किया है। केंद्र ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया है। अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का अधिकार अब उपराज्यपाल के पास होगा।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता कविंद्र गुप्ता ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह जरूरी था कि आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के तबादले का फैसला उपराज्यपाल अपने मुताबिक लें क्योंकि जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी काफी हद तक बढ़ जाती है।
गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के हित में एक अच्छा फैसला किया है, क्योंकि उपराज्यपाल अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रशासन से संबंधित फैसले ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद प्रदेश की स्थितियां काफी हद तक बदली हैं और उपराज्यपाल ने बीते समय में यहां के हालातों पर बारीकी से नजर रखी है। वह जानते हैं कि कौन सा अधिकारी किस क्षेत्र में अच्छा काम कर सकता है। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है।
वहीं, विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि केंद्र शासित प्रदेश में सिस्टम इसी तरह काम करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में पहले ही साफ कर चुके हैं कि यहां की स्थिति सुधरने के बाद ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को अधिक शक्ति देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया है। गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है, जिसमें एलजी को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई हैं।
–आईएएनएस
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