एक्टिंग में नहीं चमकी लकी अली की किस्मत, लेकिन सिंगिग ने रातों-रात बना दिया सुपरस्टार

नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। ‘एक पल का जीना’ हो या ‘ओ सनम, मोहब्बत की कसम’ हो या फिर ‘आ भी जा’ गीत हो। ये वो एवरग्रीन गाने हैं, जिन्हें अगर आज भी सुनने बैठा जाए तो पूरा गाना सुने बगैर आप रह नहीं पाएंगे, क्योंकि इन गानों को आवाज दी है मशहूर गायक लकी अली ने, आज भी अगर लकी अली इन गीतों को गुनगुनाने लग जाएं तो उनकी आवाज में वही सादगी का एहसास होगा, जैसा इन गानों के रिलीज के समय था।

लकी अली की आवाज का जादू कहें या फिर दर्शकों की मोहब्बत हर कोई उनकी आवाज को सुनने के बाद उनकी ओर खींचा चला जाता है। उन्होंने गायिकी के अलावा फिल्मों में भी किस्मत आजमाई थी मगर उन्हें शोहरत उनकी गायिकी ने ही दिलाई।

19 सितंबर 1958 को बेंगलुरु में पैदा हुए लकी अली का जन्म बॉलीवुड के मशहूर एक्टर महमूद के घर हुआ। पिता महमूद ने अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अलग मुकाम हासिल किया और इसका फायदा लकी अली को भी मिला। विरासत में ही उनके हिस्से में सिनेमा आया। बताया जाता है कि अली और उनके पिता के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे। 1960 और 70 का दशक महमूद के लिए काफी बिजी रहा और इसी कारण वह अपने बेटे लकी से भी नहीं मिल पाते थे। वह अपने पिता महमूद को पहचान नहीं पाए थे, जब लकी ने उन्हें देखा तो कहा था, ‘ये फिल्म कॉमेडियन महमूद हैं।’

अपने पिता महमूद द्वारा डायरेक्ट की गई ‘छोटे नवाब’ (1962) में वह पहली बार एक्टिंग करते हुए दिखाई दिए। इसके अलावा ‘यही है जिंदगी’ (1977), ‘हमारे तुम्हारे’ (1979) और श्याम बेनेगल की ‘त्रिकाल’ (1985) जैसी फिल्मों में काम किया। फिल्मों में एक्टिंग में लंबा समय बिताने के बाद भी उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली और इसके बाद उन्होंने 1996 में रिलीज हुई एल्बम ‘सुनोह’ से अपने सिंगिग करियर की शुरुआत की। इस एल्बम के गानों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और लकी अली को रातों-रात सिंगिग सुपरस्टार का दर्जा दिला दिया। इस एल्बम ने कई अवॉर्ड भी जीते। उनका गाना “ओ सनम” बहुत लोकप्रिय हुआ और दुनिया भर में इसे सराहा गया।

एक्टिंग से लंबे समय तक दूर रहने के बाद उन्होंने संजय गुप्ता की फिल्म ‘कांटे’ (2002) से फिल्मी करियर में रिएंट्री की। इसमें अमिताभ बच्चन, संजय दत्त और सुनील शेट्टी भी अहम भूमिकाओं में थे। इस बीच उन्होंने फिल्में भी की और सिंगिग भी जारी रखी।

उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में खुद को गायक-गीतकार, संगीतकार और अभिनेता के रूप में स्थापित किया। लकी अली ने ‘कहो ना प्यार है’ (2000), सुर (2002) और ‘तमाशा’ (2015) जैसी फिल्मों के लिए गाने गए। 66 साल की उम्र में भी लकी अली सिंगिग शो करते नजर आ जाते हैं।

–आईएएनएस

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