UP Assembly Election 2022: भाजपा (BJP) ने विधानसभा चुनाव का बिगूल फूंक दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा के विजयी रथ को आगे बढ़ाने के लिए इस बार केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सारथी की भूमिका में होंगे। प्रधान की टीम में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को अहम जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान ने प्रभारियों को अलग-अलग क्षेत्रों की कमान भी सौंपी है। बीजेपी (BJP) के राज्य मुख्यालय में पिछले दिनों एक बैठक में तय हो गया कि किस मोर्चे को कौन संभालेगा। इस बैठक में राज्य प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए।
प्रधान पर इतना भरोसा क्यों
उड़ीसा से आने वाले धर्मेद्र प्रधान ने छात्र राजनीति से राजनीतिक करयिर की शुरुआत की है। वह भाजपा युवा मोर्चा में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विभिन्न पदों पर अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। प्रधान बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों के चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। बिहार में पहली बार जब एनडीए की अगुवाई में सरकार बनी तब प्रधान भाजपा के चुनाव प्रभारी थे। इसके बाद 2010 में भी बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राज्य प्रभारी रहे और दोबारा एनडीए की सरकार बनी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधान संगठन क्षमता में बेहद मजबूत हैं और रणनीति बनाकर विपक्षी खेमे को कमजोर करना उन्हें उन्हें बखूबी आता है। कई विधानसभा चुनावों में उन्होंने इस कौशल का प्रदर्शन किया है। इसके अलावा काम करने के दम पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भरोसेमंद और काबिल सिपहसलारों में शामिल हैं। यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के अब तक के सबसे कड़े मुकाबले में मोर्चेबंदी की जिम्मेदारी प्रधान को सौंपी है।
युवाओं को रिझाएंगे अनुराग ठाकुर
प्रधान की टीम में केन्द्रीय सूचना प्रसार और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर को अहम जिम्मेदारी दी गई है। ठाकुर बीजेपी के लिए युवा वोटरों को रिझाएंगे। चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि सोशल मीडिया के दौर में युवा केवल वोट नहीं देते बल्कि माहौल बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में युवा वोटरों को रिझाने के ठाकुर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर चलने वाले चुनावी कैंपेन की कमान भी संभालेंगे। आईटी का जिम्मा भी उन्हें ही दिया गया है। ठाकुर बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके हैं जिसकी वजह से युवाओं के बीच उनकी पहचान पहले से है। वहीं वित्त राज्य मंत्री के रूप में कोरोना संकट के दौर में कई अहम घोषणाओं को हिन्दी में बताने समझाने की वजह से वह घर-घर में जाना पहचाना नाम बन चुके हैं।