प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ”राजपथ” को गुलामी का प्रतीक करार दिया और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ”कर्तव्य पथ” का उद्धाटन करते हुए कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है तथा इससे नए इतिहास का सृजन भी हुआ है।
सुभाष चंद्र बोस को लेकर कही यह बात
प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट के नजदीक स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया और कहा कि आजादी के बाद उन्हें भुला दिया गया और उनके विचारों तथा उनसे जुड़े प्रतीकों को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत उनकी राह पर चला होता तो आज वह ऊंचाइयों पर होता। नेताजी की प्रतिमा के अनावरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पहले वहां गुलामी के समय ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी लेकिन आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है।
इस रणनीति का हिस्सा है नया निर्माण
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ”कर्तव्य पथ” का उद्घाटन और नेताजी की प्रतिमा का अनावरण मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्स-वे यानि राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है और हमेशा के लिए मिट गया है। उन्होंने कहा, ”’आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।