Breaking News: सुपरटेक दिवाला प्रक्रियाः एनसीएलएटी ने सिर्फ सुपरटेक इको विलेज 2 परियोजना के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया, जानिए फ्लैट खरीदारों का क्या होगा

ग्रेटर नोएडा (Grader Noida) से एक बड़ी खबर (Big news) आ रही है। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की केवल एक आवासीय परियोजना इको विलेज 2 (Supertech Eco Village 2) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। एनसीएलटी ने शुक्रवार को सुपरटेक की केवल एक परियोजना के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए ऋणदाता समिति (सीओसी) का गठन का निर्देश देते हुए यह स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही समूची कंपनी के खिलाफ नहीं लागू होगी।

दो सदस्यीय पीठ ने दिया आदेश

आपको बता दें कि NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत कंपनी की ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) (Grader Noida west) में स्थित इको विलेज-2 (Supertech Eco Village 2) परियोजना के लिए दिवाला कार्यवाही शुरु करने का आदेश दिया है। इसके पहले राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की दिल्ली पीठ ने 25 मार्च को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुपरटेक के खिलाफ सीआईआरपी शुरू करने का आदेश दिया था।

कंपनी पर बैंक का 432 करोड़ रुपये बकाया 

सुपरटेक (Supertech) पर बैंक का 432 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, सुपरटेक के प्रवर्तक आर के अरोड़ा ने इसे एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी। इसके बाद एनसीएलएटी (NCLAT) ने प्रवर्तकों के अपने वित्तीय लेनदार के साथ मामले को निपटाने के लिए कुछ समय मांगने के बीच 12 अप्रैल को ऋणदाता समिति के गठन पर रोक लगा दी थी।

परियोजना-आधारित समाधान होगा

NCLAT ने शुक्रवार को अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि इस तरह के समाधान प्रस्ताव की प्रकिया का पता लगाने के लिए परीक्षण के तौर पर परियोजना-आधारित समाधान शुरू करना होगा। साथ ही एनसीएलएटी ने 12 अप्रैल के अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) केवल इको विलेज-2 परियोजना के संबंध में ही ऋणदाता समिति का गठन कर सकते हैं।

इस तरह बनी है रणनीति

NCLAT ने स्पष्ट कहा है कि इको विलेज-2 परियोजना की ऋणदाता समिति इस परियोजना के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इस परियोजना के संबंध में प्राप्त दावों को आईआरपी अलग करेंगे और उसके अनुसार एक सूचना ज्ञापन तैयार करेंगे जिसके बाद नियमों के अनुसार ऋणदाता समिति बैठक के लिए आगे बढ़ेगी।