इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और परीक्षण के लिए सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के पूर्व प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि ‘इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अभी विकसित हो रहे हैं। विनिर्माता सीखने की प्रक्रिया में हैं और यहां तक कि परीक्षण एजेंसियों को भी अभी यह पता लगाना है कि कौन से परीक्षण किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इलेक्ट्रिक वाहन में आग नहीं लगेगी।
आग लगने की घटनाओं से उद्योग की बदनामी
गोयनका ने कहा कि आज से करीब 15-20 साल पहले आंतरिक दहन इंजन कारों के साथ भी इस तरह की घटनाएं देखी गईं थीं, क्योंकि उस समय हमें पता नहीं था कि क्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ईवी विकसित हो रहे हैं और इसलिए कुछ घटनाएं (आग लगने की) तय हैं। मैं यह नहीं कहूंगा कि विनिर्माता इसे हल्के में ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि आग की घटनाओं से पूरे ईवी उद्योग की बदनामी हो सकती है। गोयनका ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि डिजाइन को लेकर कोई विनिर्माता लापरवाह है। बात सिर्फ इतनी है कि हमारे पास अभी पर्याप्त जानकारी नहीं है। हम सीखने की प्रक्रिया में हैं और बहुत तेजी से परिपक्व हो रहे हैं।