खाद्य पदार्थों के महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह अगस्त में सात फीसद और सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत थी।
खाने-पीने के सामान का दाम आसमान पर
खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में सबसे अधिक तेजी देखी गई। इससे खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति इस साल सितंबर में बढ़कर 8.60 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.62 फीसद थी। हालांकि, सरकार की कोशिशों से खाद्य तेल के दाम में तेज गिरावट आई है।लेकिन मौसम की मार से खाद्य पदार्थों के दाम रोकने में अभी सफलता हाथ नहीं लगी है।
मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से अधिक रहने पर आरबीआई को केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट में आरबीआई को बताना होगा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने में क्यों विफल रहा। आपको बता दें कि इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में आयातित मुद्रास्फीति का दबाव अब कम हो गया है, लेकिन खाद्य और ऊर्जा वस्तुओं में यह दबाव अभी भी बना हुआ है।