दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अभिभावकों को भरोसा दिया है कि सरकार स्कूलों को मनमानी ढंग से फीस नहीं बढ़ाने देगी। अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी। इसी कड़ी में दिल्ली सरकार अब रोहिणी स्थित बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेगी। दिल्ली सरकार मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस वापस लेने का कई बार आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उन आदेशों पर गौर नही किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाल भारती स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह फाइल उपराज्यपाल (एलजी) के पास भेजी गई थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
स्कूल के पास करोड़ों रुपये पड़े हैं
शिक्षा निदेशालय ने वित्त वर्ष 2016-2017 से 2017-2018 के लिए बाल भारती स्कूल के वित्तीय विवरण का गहराई से निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान शिक्षा निदेशालय ने पाया कि वर्ष 2017-2018 के लिए स्कूल के पास कुल धनराशि 23,81,82,958 (23.82 करोड़ रुपये) थी । इसमें से 20,94,38,802 रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 20,94,38,802 रुपये खर्च होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन के पास करीब 2,87,44,156 रुपये की राशि शुद्ध रूप से अधिक थी। इसके बाद निदेशालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि स्कूल प्रबंधन को अभी फीस बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अभिभावकों पर एरियर जमा करने का बनाया दबाव
फीस नहीं बढाने कि हिदायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने न केवल फीस बढ़ाया अभिभावकों को एरियर भी जमा करने को कहा । इसके बाद निदेशालय ने 10/05/2019 को स्कूल को नोटिस जारी किया। लेकिन स्कूल की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दिल्ली सरकार ने स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। सरकार ने इसकी फाइल मंजूरी के लिए एलजी को भेजी जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है।