ग्रेटर नोएडा के सुपरटेक इकोविलेज-2 में दूषित पानी पीने से 300 लोगों के बीमार पड़ने के मामले में ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इस मामले में अधिकारियों को एनजीटी का नोटिस जारी किया है।
डीएम से भी मांगा जवाब
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ग्रेटर नोएडा की एक हाउसिंग सोसाइटी को दूषित पानी की आपूर्ति के मामले में जिलाधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों से जवाब तलब किया है। एनजीटी ने एक अखबार की रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसके अनुसार हाल ही में ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में सुपरटेक इकोविलेज-टू को ई-कोलाई बैक्टीरिया और ब्लीचिंग पाउडर युक्त पानी की आपूर्ति की गई थी। दूषित पानी पीने से सोसाइटी के 170 बच्चों सहित 300 से अधिक लोग बीमार पड़ गए।
क्या कहा एनजीटी ने
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने एक अक्टूबर को जारी अपने आदेश में कहा, संबंधित समाचार जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल तथा अफरोज अहमद भी शामिल थे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष से भी मांगा जवाब
पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के सदस्य सचिवों, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया है। अधिकरण ने कहा उपरोक्त प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख (28 जनवरी) से कम से कम एक सप्ताह पहले हलफनामे के रूप में अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।