बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सभी गैर भाजपा दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि यह मुख्य मोर्चा होगा न कि तीसरा मोर्चा। उन्होंनेकई गैर-भाजपाई नेताओं से मुलाकात के बाद यहां पत्रकारों से कहा कि बातचीत विस्तृत और सकारात्मक रही।
इससे पहले दिन में कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एक साझा मंच पर लाने के प्रयासों के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और कहा कि 2024 के चुनावों के लिए उनके गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जाएगा।
पहले साथ आना जरूरी, नेता का चुनाव बाद में किया जा सकता है
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता कुमार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ एक विकल्प पेश करने का उचित समय आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा “जनता के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने पवार के साथ 30 मिनट चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि पवार और मैं, दोनों उन विपक्षी ताकतों को एकजुट करना चाहते हैं, जो भाजपा के साथ नहीं हैं। गठबंधन के नेता का फैसला बाद में किया जा सकता है। पहले एक साथ आना जरूरी है।
सोनिया गांधी से मिलने फिर दिल्ली आएंगे
नीतीश कुमार कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए एक बार फिर दिल्ली आएंगे, जो निजी कारणों से विदेश यात्रा पर हैं। कुमार ने कहा कि हर कोई विपक्षी एकता की बात कर रहा है और देश के लिए एक चेहरे से ज्यादा एक संयुक्त मोर्चे की जरूरत है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह एकतरफा एजेंडा चला रही है और उसके ज्यादातर प्रयास समाज में तनाव पैदा करने तक ही सीमित हैं। साल 1996 में वाजपेयी-आडवाणी युग के दौरान पहली बार भाजपा से हाथ मिलाने वाले कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों की तुलना मोदी की सरकार से की।