केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया है। कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी को 100वीं जयंती है। केंद्र सरकार ने इससे एक दिन पहले उन्हें यह सम्मान देने का ऐलान किया है। इससे पिछड़े वर्ग की राजनीति को लेकर बिहार में हलचल तेज हो गई। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री बनने पर अंग्रेजी की अनिवार्यता की खत्म
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार जिले के समस्तीपुर के पितौझिया अब कर्पूरीग्राम में हुआ था। 1952 में पहली बार कर्पूरी ठाकुर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कभी हारे नहीं। उन्होंने 1967 में उपमुख्यमंत्री बनने पर अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म कर दी। वह दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तक और दूसरी बार 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे।