करवा चौथ पर देशभर में मची खरीदारी की धूम,28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद

नई दिल्ली। आज देशभर में करवा चौथ का पावन पर्व धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी बाजारों में उमड़ पड़ीं। दिल्ली सहित देश के हर शहर के मॉल और मार्केट में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बार देशभर में करवा चौथ पर लगभग 28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।

कपड़े से लेकर ज्वेलरी खरीदने की होड़

पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद निकलने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ती हैं। इस अवसर पर पूजा सामग्री, साड़ी, लहंगे, ज्वेलरी, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम्स और मिठाइयों की बिक्री में भारी तेजी देखी जा रही है। खंडेलवाल ने बताया कि करवा चौथ से जुड़े पारंपरिक उत्पादों — जैसे साड़ी, लहंगे, पूजा थाली, छलनी, मिट्टी के करवे, मिठाइयाँ, ज्वेलरी और कॉस्मेटिक्स — की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही ब्यूटी पार्लर, सैलून और मेहंदी आर्टिस्ट्स के यहां भी दिनभर भीड़ लगी रही।

30 फीसदी ज्यादा बिक्री होने की उम्मीद

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस बार देशभर में करवा चौथ पर लगभग 28 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है, जबकि दिल्ली में ही करीब 8 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है।
पिछले वर्ष यह कारोबार लगभग 22 हजार करोड़ रुपये का रहा था, वहीं वर्ष 2023 में करीब 15 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था।

जीएसटी कटौती से बढ़ा उत्साह

इस बार करवा चौथ से पहले कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती से उपभोक्ताओं को राहत मिली है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी अपनाओ’ अभियान का असर बाजारों में दिखा, जिससे भारतीय उत्पादों की खरीद में बड़ा उछाल देखने को मिला।

दिल्ली के इन बाजारों में दिखी खूब रौनक

दिल्ली के प्रमुख बाजार — चांदनी चौक, सदर बाजार, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर, करोल बाग, राजौरी गार्डन, कमला नगर, शालीमार बाग, रोहिणी, कनॉट प्लेस, खान मार्केट, साउथ एक्सटेंशन, लक्ष्मी नगर और प्रीत विहार — में दुकानों पर पैर रखने की जगह नहीं रही।