पटना। प्रशांत किशोर की अगुवाई वाले जनसुराज ने गुरुवार को विधानसभा चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें अपने समय के के कई नामचीन चेहरे भी शामिल हैं। इस मौके पर जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि इस लिस्ट में सभी समाज के लोगों को मौका दिया गया है। हालांकि, पहली सूची जारी होने के बाद कुछ विरोद के स्वर और नाराजगी के श्वर भी सुनाई दिये।
हर वर्ग को मिला प्रतिनिधित्व
उदय सिंह ने कहा कि चुनाव में प्रत्याशियों को वर्ग के अनुसार मौका दिया जा रहा है। इसमें 7 सुरक्षित, 17 अतिपिछड़ा, 11 पिछड़ा और बाकी सामान्य वर्ग के है। इसके अलावा 8 से 9 अल्पसंख्यकों की सूची भी है। विश्लेषकों की मानें तो एनडीए और महागठबंधन की जातीय गोलबंदी तोड़ने का इरादा जुनसुराज ने अपनी पहली सूची मेंं ही जता दिया है।
11 अक्टूबर से प्रचार अभियान होगा शुरू
मीडिया को दी गई जानकारी में पार्टी की ओर से यह भी बताया गया कि 11 अक्टूबर से चुनाव अभियान शुरू होगा, जिसकी शुरुआत प्रशांत किशोर राघोपुर से करेंगे। आपको बता दें कि राघोपुर राजद का सबसे बड़ा किला रहा है। वहां से तेजस्वी यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन अब वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहां से तेजस्वी के बड़े भाई और राजद ने निष्कासित विधायक तेज प्रताप ने लड़ने का फैसला किया है।
पहली सूची मेंं शामिल दिग्गज
जनसुराज ने जो पहली सूची जारी की है वह कई मायनों में अलग है। उसमें कई नाम ऐसे हैं जो समय में घर-घर में जाने जाते थे। उनमें से एक नाम है के.सी सिन्हा का। उन्हें आज की युवा पीढ़ी नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के वीसी के रूप मेंं जानती है। लेकिन के सी सिन्हा वह नाम है जो 1985 से 2005 तक इंजीनियर बनने का सपने रखने वाले तब के तमाम युवाओं और उनके अभिभावकों के लिए एक लोकप्रिय नाम था। तब हर युवा का सपना होता था कि गणित यानी मैथ पढ़े तो के सी सिन्हा से। उनकी कई किताबे भी हैं। वह साइंस कॉलेज में प्रोफेसर थे। जब तक के सी सिन्हा और उनके समकालीन अन्य लोकप्रिय शिक्षक पटना में पढ़ाते रहे तब तक बिहार के युवाओं को इंजीनियर-डॉक्टर बनने की तैयारी के लिए कोटा जाने की जरूरत नहीं थी। बल्कि के सी सिन्हा से पढ़ने अन्य प्रदेशों से छात्र बिहार आते थे।