कॉरपोरेट जगत में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ बोलना अक्सर देखने को मिलता है। लेकिन अपने प्रतिद्ंवदी की खुले दिल से तारीफ कभी कभार ही सुनने को मिलता है। ऐसा ही एक वाकया इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में देखने को मिला।
कॉरपोरेट जगत में अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ बोलना अक्सर देखने को मिलता है। लेकिन अपने प्रतिद्ंवदी की खुले दिल से तारीफ कभी कभार ही सुनने को मिलता है। ऐसा ही एक वाकया इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में देखने को मिला। एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने 5जी को लेकर रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी की जमकर तारीख की।
….जब दौड़कर मुकेश अंबानी को पकड़ा
दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री के सामने एयरटेल के सुनील भारती मित्तल ने खुले दिल से कबूला कि रिलायंस के मुकेश अंबानी ने टेलीकॉम सेक्टर में टेक्नोलॉजी को बहुत गति दी, हम सबको उनको पकड़ने के लिए काफी तेज दौड़ना पड़ा। आपको हम सुनील भारती मित्तल की कही बात मैं मुकेश (अंबानी) की सरहाना करूंगा कि उन्होंने आ कर जो 4जी हम चला रहे थे ..उसको बहुत गति दी … हम सबको (बाकी कंपनियों को) भागना पड़ा बहुत तेजी से … पकड़ना पड़ा।
क्यों कही यह बात
आपको बता दें कि कभी पहले स्थान पर काबिज रही एयरटेल और वोडा-आइडिया 4जी का देशभर में विस्तार को लेकर लगी हुईं थीं, उसी समय में मुकेश अंबानी की अगुवाई में जियो ने अपनी धमाकेदार सेवा शुरू करने के साथ 5जी पर काम करना शुरू कर दिया। शुरुआती झिझक के बाद इन कंपनियों को लग गया कि यदि 5जी पर जियो के साथ नहीं चल पाए तो शायद बहुत पिछड़ जाएंगे। ऐसे में एयरटेल और वोडा-आइडिया को 5जी के लिए जियो की रफ्तार के कदमताल करना पड़ा। इसका अंजाम हुआ कि भारत में बहुत कम समय में 5जी के लिए टेक्नोलॉजी और इन्फ्रा तैयार हो गया। अब इसका लाभ उपभोक्ताओं के साथ स्टार्टअप को भी होगा
जब रतन टाटा ने की थी आनंद महिंद्रा की सराहना
यात्री वाहनों की बिक्री के मामले में कभी टाटा मोटर्स मारुति और हुंडई के बाद तीसरे स्थान पर थी। लेकिन रतन टाटा के टाटा संस के चेयरमैन रहते कुछ साल पहले आनंद महिंद्रा की महिंद्रा एंड महिंद्रा ने टाटा मोर्टस को पछाड़कर तीसरा स्थान कब्जा लिया था। इसके बाद टाटा मोटर्स की शेयरधारकों की बैठक में रतन टाटा ने खुले दिल से आनंद महिंद्रा की अगुवाई वाले महिंद्रा एंड महिंद्रा की सराहना की थी। टाटा ने कहा कि हमे अपने घर की कंपनी महिंद्रा से सीख लेनी चाहिए जो लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रयास करती रही और आज हमे पछाड़ दिया। तब आनंद महिंद्रा ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि रतन टाटा से अपनी तारीफ सुनकर ऐसा लगा जैसे कोई बड़ा भाई हौसला बढ़ा रहा है।