भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 600 अरब डॉलर के पार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार संभवत: 600 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया। यही रफ्तार रही तो भारत जल्द ही दुनिया के एक बड़े देश को पछाड़कर विदेशी मुद्रा भंडार में शीर्ष चार देशों में शामिल हो सकता है।

इस देश को जल्द पीछे छोड़ सकता है भारत

विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में फिलहाल चीन, जापान, स्विट्जरलैंड और रूस भारत से आगे हैं। लेकिन जिस तेजी से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है उस गति से वह जल्द ही रूस को पीछे छोड़कर दुनिया के शीर्ष चार देशों में शामिल हो सकता है। मौजूदा समय में दुनिया में सिर्फ पांच देश ही ऐसे हैं जिनका विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में अमेरिका शीर्ष 10 में भी नहीं है।

जानिए किसके पास है कितना विदेशी मुद्रा भंडार

रैंकिंग    देश      विदेशी मुद्रा भंडार

1        चीन     3330 अरब डॉलर

2        जापान   1378 अरब डॉलर

3        स्विट्जरलैंड      1070 अरब डॉलर

4        रूस     605     अरब डॉलर

5        भारत    600     अरब डॉलर (संभावित)

सिर्फ आठ साल में दोगुना बढ़ा

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वित्त वर्ष 2012-13 में 258 अरब डॉलर था। इसे 600 अरब डॉलर पहुंचने में महज आठ साल लगा। इतना ही नहीं ठीक एक साल पहले यानी जून 2020 में पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के पार पहुंचा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार में विदिशी मुद्रा भंडार में तेजी से इजाफा हुआ है।

इस वजह से भर रहा खजाना

स्वर्ण भंडार और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से मुद्रा भंडार बढ़ा है। हाल में विदेशी पूंजी प्रवाह काफी तेजी से बढ़ा है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा ऊपर जा रहा है

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