भारतीय मूल की अर्थशास्त्री डॉ. स्वाति ढींगरा को बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक समिति में बाहरी सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। वह इस पद पर नामित होने वाली भारतीय मूल की पहली महिला हैं। इस तरह भारत की बेटी ने फिर से देश का मान बढ़ाया है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने बाहरी सदस्य के तौर पर ढींगरा की नियुक्ति की घोषणा की है। भारतीय मूल के सुनक ने एक बयान में कहा कि ढींगरा अपने साथ समिति में ‘मूल्यवान नई विशेषज्ञता’ लेकर आएंगी।
दिल्ली से की है पढ़ाई
ढींगरा लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स (एलएसई) में अर्थशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र और अनुप्रयुक्त सूक्ष्म-अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता है। ढींगरा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से परास्नातक किया। उन्होंने विस्कोंसिन-मेडिसन यूनिवर्सिटी से एमएस और पीएचडी पूरी की थी।
स्वाति ढींगरा ने कही यह बात
ढींगरा ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि समिति का काम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महामारी और युद्ध की वैश्विक चुनौतियों के बीच ब्रिटेन को जीवनयापन की असाधारण लागत का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि ढींगरा एमपीसी में शामिल मौजूदा बाहरी सदस्य माइकल सॉन्डर्स की जगह लेंगी, जो अगस्त, 2016 से एमपीसी के सदस्य रहे हैं।
कौन होता है इस समिति में
ढिंगरा नौ अगस्त को तीन साल के लिए ब्रिटिश केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में शामिल होंगी। एमपीसी ब्रिटेन की मौद्रिक नीति के बारे में निर्णय लेती है। इसमें बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर, इसके तीन डिप्टी गवर्नर, एक अन्य सदस्य के अलावा चार बाहरी सदस्य शामिल होते हैं।