पाटीदार आरक्षण आंदोलन से उभरे नेता एवं तीन साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता अपने मोबाइल फोन की स्क्रीन पर कहीं अधिक ध्यान देते हैं और गुजरात कांग्रेस के नेता उन लोगों के लिए ‘चिकन सैंडविच’ (chicken sandwich) की व्यवस्था करने में अधिक रूचि लेते हैं। 28 साल के पटेल का इस्तीफा इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly elections) से पहले आया है।
कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। पटेल ने अपनी निराशा जाहिर करते हुए लिखा है कि उनके जैसे पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी की बैठक में शामिल होने और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक दिन में 500-600 किमी की यात्रा करते हैं, लेकिन यह पाते हैं कि नेता, दिल्ली से आये कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को ‘चिकन सैंडविच’ समय पर उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों के प्रति गंभीरता का अभाव कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता उस समय ‘विदेश में मजे कर रहे होते हैं’, जब पार्टी और देश को उनकी जरूरत होती है।
देश के लिए कांग्रेस अवरोधक
पटेल ने पत्र में कहा कि मैं कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में,मैंने पाया है कि केन्द्र और राज्य स्तर पर कांग्रेस नेतृत्व महज हर चीज़ का विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे, अयोध्या में राम मंदिर हो (Ram temple in Ayodhya), जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370 in Jammu and Kashmir) के ज्यादातर प्रावधानों को हटाना, जीएसटी (GST) लागू करना, भारत लंबे समय से इन मुद्दों का समाधान चाहता था और कांग्रेस ने केवल एक अवरोधक की भूमिका निभाई है।