प्लंबिंग, पानी और स्वच्छता उत्पादों पर देश की सबसे बड़ी स्टैंडअलोन प्रदर्शनी, प्लंबेक्स इंडिया, 12 मई को हॉल नं 2, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित की गई। यह 3-दिवसीय कार्यक्रम सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक रहेगा और इसे अमृत (AMRUT) 2.0 व एसबीएम (SBM) 2.0 के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। श्री सिंह ने ‘भारत टैप पहल’ की शुरुआत की, जो भारत को जल संरक्षण और सतत विकास के एक नए युग में ले जाने के लिए लौ फ्लो फिक्सचर्स और सैनिटरीवेयर विकसित करने के लिए एक कार्यक्रम है।
यह आईएस 17650, पार्ट 1 और पार्ट 2 के तहत बीआईएस सर्टिफाइड वाटर एफ्फिसिएंट प्लंबिंग फिक्सचर्स को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता सृजन की एक पहल है जिसमें कम प्रवाह वाले सेनेटरीवेयर और सेनेटरी फिटिंग शामिल हैं, जिससे पानी की न्यूनतम 40% की बचत होती है। इस पहल से, पानी और ऊर्जा की बचत होगी क्योंकि कम पानी की आवश्यकता के कारण पंपिंग, ट्रांसपोर्टिंग और पूरीफिकेशन के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
श्री गुरमीत सिंह अरोड़ा, नेशनल प्रेजिडेंट, इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन के उद्घाटन में कहा, “प्लम्बेक्स इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के लिए बिज़नेस डेवलपमेंट और विकास के अवसरों को जोड़ने व तलाशने के लिए एक विशनरी इनिशिएटिव है। यह इंडस्ट्री के अंदर कोलैबोरेशन और पार्टनरशिप के लिए रोडमैप बनाने का इरादा रखता है।”
आईपीए ने नारेडको माही, के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के तहत, आईपीए ने नरेडको माही को निर्मल जल प्रयासों के अंतर्गत प्रति वर्ष 500 करोड़ लीटर पानी की बचत करने के लिए निर्देशित किया। नारेडको माही निर्मल जल प्रयास बिल्डरों को “नेट जीरो वाटर” की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य भारत में सालाना 500 करोड़ लीटर पानी की बचत करना है।
उद्घाटन दिवस में आईपीए और सीओए (वास्तुकला परिषद) के बीच भी एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौते का उद्देश्य अपने सदस्यों के लिए एलोब्रेट लर्निंग और नॉलेज शेयरिंग प्लेटफार्म बनाने का है। एमओयू के तहत, आईपीए 480 सीओए संबद्ध आर्किटेक्चर संस्थानों के लिए नवीनतम प्लंबिंग तकनीक और प्रैक्टिसेज पर एक पाठ्यक्रम बनाने में भी मदद करेगा। यह आर्किटेक्चर कॉलेजों में पढ़ने वाले आर्किटेक्चर छात्रों के लिए प्लंबिंग एजुकेशन (जल और स्वच्छता) का प्रचार करेगा।
हाल ही में, आईपीए ने एआईसीटीई के तहत काम कर रहे सभी इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले 9000+ इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को प्लंबिंग एजुकेशन प्रदान करने के लिए 14 अप्रैल 2022 को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।