भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने एक जून, 2022 से ज्वेलरों के लिए केवल हॉलमार्क (Hallmarking) वाले सोने के आभूषण (gold jewelry) बेचना अनिवार्य कर दिया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगले माह से नए नियम के प्रभावी होने के बाद ज्वेलर बीआईएस द्वारा हॉलमार्क किए जाने से पहले किसी भी सोने की ज्वेलरी को नहीं बेच पाएंगे। उनका कहना है कि ऐसे में सोने के आभूषण खरीदने वाला ग्राहक यदि 12 या 16 कैरेट की ज्वेलरी चाहता है तो इसके लिए ज्वेलर को पहले इसे बीआईएस हॉलमार्किंग केंद्र से हॉलमार्क करवाना होगा
शुद्धता की गारंटी हर ज्वेलरी पर होगी
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बीआईएस का यह फैसला ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे वह शुद्धता की परवाह किए बगैर किसी भी कैरेट की ज्वेलरी खरीद सकेंगे। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि भारत में लोग सोना केवल पहनने के लिए नहीं खरीदते हैं बल्कि निवेश के लिए भी खरीदते हैं। ऐसे में सभी तरह के ज्वेलरी की हॉलमार्किंग से शुद्धता को लेकर उनको चिंता नहीं करनी पड़ेगी और सोना खरीदने या उन्हें बेचने में अलग से शुद्धता की जांच करवाने की जरूरत नहीं रहेगी।