खुशखबरीः वेदांता-फॉक्सकॉन देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेंगी, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

भारत का वेदांता समूह और ताइवान की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेंगी। इसमें एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, संयंत्र दो साल में उत्पादन शुरू कर देगा। सेमीकंडक्टर या माइक्रोचिप्स का इस्तेमाल कई डिजिटल उपभोक्ता उत्पादों में आवश्यक टुकड़े के रूप में होता है। इसका इस्तेमाल कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक के उत्पादन में किया जाता है।

लैपटॉप-टैब सस्ते होंगे

भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य वर्ष 2021 में 27.2 अरब डॉलर का था। इस क्षेत्र के 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के साथ वर्ष 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। अग्रवाल ने कहा, गुजरात में यह सबसे बड़ा निवेश है। देश में हमारा यह पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र होगा। चिप्स के स्थानीय निर्माण से लैपटॉप और टैबलेट की कीमतों में कमी आएगी।  

संयंत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ रोजगार पैदा करेगाःमोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौता ज्ञापन की सराहना करते कहा कि यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और रोजगार पैदा करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वाकांक्षा को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहायक उद्योगों के लिए एक बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएगा और हमारे एमएसएमई की मदद करेगा।

चीन का दबदबा घटेगा

दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप का आठ प्रतिशत ताइवान में बनता है। इसके बाद चीन और जापान का स्थान है। कुल 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश से 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे। जबकि 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र रजनीकांत पटेल ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस संयंत्र को स्थापित करने और इसे सफल बनाने में निवेश करने वाली कंपनियों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।