पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दुबई में उनका इलाज हो रहा था। 5 फरवरी को उनका निधन हो गया।
लंबे समय से बीमार थे मुर्शरफ
जनरल मुशर्रफ मई-जून 2022 से गंभीर रूप से बीमार थे। कुछ साल पहले मुशर्रफ को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई थी। करगिल युद्ध के समय वह पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष थे। करगिल युद्ध में भारत से करारी हार के बाद मुर्शरफ ने पाकिस्तान के तत्कालिन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापटल कर सैन्य शासन के ऐलान के साथ पाकिस्तान के राष्टपति बन गए थे।
भारत को लेकर जब मुर्शरफ ने पाकिस्तान को चेताया
पाकिस्तान के बालाकोट में जब सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत पर परमाणु युद्ध की चेतावनी दे रहे थे। तब मुर्शरफ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान ऐसी गलती कतई करे वरना पाकिस्तान का अस्तित्व मिट जाएगा।
करगिल युद्ध से मुशर्रफ और शरीफ के बीच टकराव पैदा हुआ
वर्ष 1999 में करगिल युद्ध ही पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ और तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच दरार पैदा होने का कारण बना था, क्योंकि शरीफ ने खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए इसके बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया था। परवेज मुशर्रफ द्वारा लिखित एक किताब से यह जानकारी मिली है।
किताब में किया था यह दावा
करगिल युद्ध के बारे में मुशर्रफ ने इस किताब में लिखा है। सेना द्वारा नवाज शरीफ के खिलाफ अभियान छेड़े जाने से पहले मैं केवल एक साल के लिए सेना प्रमुख था। दो प्रमुख जनरल की बर्खास्तगी, दो लेफ्टिनेंट जनरल की नियुक्ति और राजद्रोह के लिए एक पत्रकार का कोर्ट-मार्शल करने के अनुरोध पर कुछ असहमति को छोड़कर शुरुआत में उनके साथ मेरे कामकाजी संबंध बहुत बेहतर थे। उन्होंने किताब में दावा किया है, करगिल प्रकरण ने सबसे बड़ा विभाजन पैदा किया। हम दोनों राजनीतिक और सैन्य रूप से कश्मीर को दुनिया की नजरों में मजबूती के साथ लाना चाहते थे। करगिल प्रकरण से ऐसा (संभव) हो पाया था।