पुरानी मारुति विटारा ब्रेजा और बजाज पल्सर को खरीदने के लिए ग्राहक बेकरार हैं। ड्रूम ने अपनी छमाही रिपोर्ट में खुलासा करते हुए हुए इसकी दिलचस्प वजह बताई है। भारत के सबसे बड़े और अग्रणी ऑनलाइन ऑटोमोबाइल मार्केट प्लेटफॉर्म ड्रूम ने 2021 की पहली छमाही के लिए अपना सेल्स ट्रेंड का डेटा जारी किया। महामारी की वजह से पर्सनल मोबिलिटी परिवहन का पसंदीदा तरीका हो गया है, इस वजह से ड्रूम ने पुराने चार पहिया वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है और दोपहिया वाहनों के बिक्री के आंकड़े में भी दिलचस्प रुझान देखे हैं।
पुरानी कार-बाइक की मांग में तेज उछाल
कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली छमाही के ट्रेंड ने पुराने चार-पहिया वाहनों की श्रेणी में मांग में उछाल दिखाया। मारुति सुजुकी विटारा ब्रेज़ा, बलेनो, होंडा सिटी और हुंडई वरणा जैसी प्रीमियम कारें पुराने कारों के सेग्मेंट में सबसे लोकप्रिय वाहन बनकर उभरे हैं। पुराने दुपहिया वाहनों में बजाज पल्सर की लोकप्रियता कायम है। इसके बाद होंडा एक्टिवा 3जी और टीवीएस अपाचे आरटीआर का स्थान आता है। कावासाकी निंजा और मर्सिडीज-बेंज ई क्लास लग्जरी वाहन सेग्मेंट में क्रमशः सबसे लोकप्रिय लक्जरी बाइक और कार साबित हुई है।
क्या है रिपोर्ट में खास
पिछले 6 महीनों में खरीदारों ने डीजल कारों की तुलना में पेट्रोल वैरिएंट को लेकर ज्यादा रुचि दिखाई है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देते हुए भारत निर्मित वाहन चार्ट में सबसे ऊपर हैं और उसके बाद जापानी और ऑस्ट्रेलियाई वाहन निर्माता हैं। मैनुअल ट्रांसमिशन कारों में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की तुलना में भारी बढ़त देखी गई, अधिकांश ग्राहकों ने मैनुअल से अधिक ऑटोमैटिक का विकल्प चुना। ड्रूम ट्रेंड रिपोर्ट यह भी बताती है कि दिल्ली, जयपुर, मुंबई और हैदराबाद पुराने वाहनों की मांग को लेकर सबसे बड़े बाजार बनकर उभरे हैं।
नौकरी छूटने या कमाई घटने से पुराना वाहन खरीद रहे लोग
ड्रूम के संस्थापक और सीईओ संदीप अग्रवाल ने 2021 के छमाही सेल्स ट्रेंड्स पर कहा, “ड्रूम में हमारी कोशिश डिजिटल तौर-तरीकों को अपनाने को बढ़ावा देना और इसमें तेजी लाने की है। वाहनों के ऑनलाइन लेनदेन की डील को क्लोज करने में सक्षम बनाते हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से हम भारत में वाहन लेनदेन के सदियों पुराने तरीकों को बदल रहे हैं। 2021 का वर्ष मानव जीवन के लिए बहुत मुश्किल रहा है लेकिन कारोबार और उद्योग ने लचीलापन दिखाया। इस नए नॉर्मल में उन्होंने अपने आपको ढाला है। व्यवहार्यता और सुरक्षा सहित विभिन्न कारणों से पर्सनल मोबिलिटी की बढ़ती मांग से मिली सहायता ने मार्केट में तुरंत रिकवरी कराई। महामारी की वजह से आय कम होने या नौकरी गंवाने वाले लोगों के लिए आर्थिक अनिश्चितता पैदा हुई है, जिसने उपभोक्ताओं के बीच पुराने वाहनों को अपनाने को बढ़ावा दिया है।”