भाला फेक में विश्व चैंपियन भारत के नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) परिस ओलंपिक (Paris Olympics) में दूसरे स्थान पर रहने के साथ रजत पदक ॰Silver Medal) के हकदार बने। वहीं ओलंपिक में पाकिस्तान को भाला फेक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाला भी भारत का राजपूत निकला। पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीता जो मुस्लिम होते हुए भी आज भी खुद को राजपूत (Rajput) कहलाना पसंद करते हैं।
तोमर राजपूत वंश से है संबंध
पेरिस ओलंपिक मेंं 92 मीटर से अधिक भाला फेक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीतने वाले अरशद नदीम का संबध भारत के सुखेरा राजपूत समुदाय से है जिसे सुखेड़ा भी कहा जाता है। पाकिस्तान के पंजाब के मियां चानू के रहने वाले नदीम के समुदाय के लोग खुद को शान से राजपूत कहलाना पसंद करते हैं। सुखेरा राजपूत खुद को तोमर राजपूत से अपना संबंध बताते हैं। सुखेरा राजपूत सुखेरा शाहू, चोटिया या भानूका, हिंजराओ और पछाड़ उपजातियों में विभाजित हैं। इनमें सभी खुद को प्रसिद्ध राजपूत कुलों से होने का दावा करते हैं।
धर्म बदला मगर पहचान कायम रखी
सुखेरा राजपूत को भारत मेंं डोडिया राजपूत राजवंश के रूप में भी जाना जाता है। मुगल काल में सुखेरा राजपूतों ने धर्म बदल लिया लेकिन राजपूत रीति रिवाज और पहचान आज भी कायम रखी हुई है। अरशद नदीम इसी समुदाय से आते हैं। सुखेरा राजपूत अपनी उत्पत्ति रावत प्रताप सिंह डोडिया से मानते हैं जो सुखेरा समुदाय के पहले रावत थे और इन्होंने इस राजवंश की स्थापना की।
पाकिस्तान में ज्यादा दबदबा
सुखेरा राजपूतों का पाकिस्तान की आबादी में बड़ा दबदबा है। एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान में इनकी आबादी करीब 1.5 करोड़ के पास है। वहीं भारत में 30 लाख के करीब है। इसके अलावा नेपाल,बांग्लादेश और श्रीलंका में भी इनकी बड़ी आबादी है।