लोकप्रिय संतूर वादक (Santoor Maestro) भजन सोपोरी (Bhajan Sopori ) का गुरुवार को निधन हो गया। गुरुग्राम के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली है। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। गंभीर रूप से बीमार 73 साल के सोपोरी गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे। सोपोरी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे सोरभ और अभय हैं। पंडित शिव कुमार शर्मा (pandit shivkumar Sharma) के बाद पंडित भजन सोपोरी के जाने से संतूर वादन में एक खालीपन आ गई है। कुछ दिनों के अंतर में गायक केके kk और सिद्धु मूसावाला (Sidhu Moose) निधन के बाद सपोरी के निधन से संगीत के क्षेत्र बड़ा झटका लगा है।
कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
भजन सोपोरी का जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था। वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार व सम्मान पा चुके हैं। भजन सोपोरी को 2004 में पद्म श्री, 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और जम्मू और कश्मीर स्टेट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला था। वे संतूर से लेकर सितार तक, सब बजा सकते थे. उनके पास इंडियन क्लासिकल म्यूसिक में डबल मास्टर की डिग्री थी।
विरासत में मिली थी संतूर विद्या
उन्होंने अपने पिता और दादा से हिंदुस्तानी संगीत सीखा था। उनको घर पर ही दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी से संतूर की विद्या हासिल हुई। सोपोरी ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत सीखा। इसके पहले उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। भजन सपोरी के बेटे सौरभ और अभय भी पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए संतूर विधा को अपनाए हुए हैं।
सूफियाना घराना से है संबंध
कश्मीर के श्रीनगर जिला के रहने वाले सोपोरी का संबंध सूफियाना घराना से है। उन्होंने एक एलबम नट योग आन संतूर बनाया। इन्होंने तीन रागों राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी की रचना की थी।