अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के बाहर सीरियल ब्लास्ट में 13 अमेरिकी मरीन कमांडो समेत 103 की मौत हो गई है। घायलों की तादाद देखते हुए मौत के आंकड़ें बढ़ भी सकते हैं। इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली है। अमेरिकी अधिकारियों ने 13 मरीन कमांडो और एक मेडिकल स्टॉफ के मरने की पुष्टि की है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट के बाहर तीन धमाकों से पुरा इलाका दहल गया। शुरुआत में अफगानिस्तान के टोलो न्यूज ने कहा था अब तक 52 लोग मारे गए हैं। वहीं कुछ स्थानीय मीडिया में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की बात कह रही थी। इसके बाद 27 अगस्त तक मरने वालों की संख्या 103 पहुंच गई। इसमें तीन ब्रिटिश नागरिक भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट में घायलों की संख्या 200 से अधिक बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक ISIS-K आतंकी समूह ने काबुल एयरपोर्ट पर यह हमला किया है।
एयरपोर्ट के बाहर हजारों लोगों की भीड़
अफगान मीडिया के मुताबिक पहले दोनों बम धमाके काबुल एयरपोर्ट के Abbey Gate के पास हुए. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, ‘हम काबुल एयरपोर्ट के पास इस विस्फोट की पुष्टि करते हैं. फिलहाल घटना में हताहतों के बारे में जानकारी स्पष्ट नहीं है। विस्तृत जानकारी मिलने पर इसकी सूचना सबके साथ शेयर की जाएगी।काबुल एयरपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में अफगान नागरिक पिछले एक हफ्ते से जमे हुए हैं। लेकिन वीजा और पासपोर्ट न होने की वजह से उन्हें एयरपोर्ट के अंदर जाने की इजाजत नहीं मिल पा रही है। इस बीच तालिबान ने भी घोषणा कर दी है कि किसी भी अफगान नागरिक को देश नहीं छोड़ने दिया जाएगा।
चेतावनी के तुरंत बाद हमला
बम धमाके से 24 घंटे पहले ही अमेरिका ने वहां पर आतंकी हमले की आशंका जताई थी। इसके मद्देनजर अमेरिका ने 25 अगस्त को एडवाइजरी जारी कर अफगानिस्तान में फंसे अपने सभी नागरिकों को ने चेतावनी दी थी कि एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा के बड़े खतरे हैं। इसलिए सभी अमेरिकी नागरिक तुरंत Abbey Gate से दूर हट जाएं। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट के बाहर पहले बम धमाके के बाद फ्रांस ने चेतावनी दी कि वहां पर और धमाके भी हो सकते हैं। इस चेतावनी के कुछ मिनटों के बाद ही एयरपोर्ट के बाहर दूसरा धमाका हो गया।