झारखंड की जनता ने लगातार दूसरी बार हेमंत सोरेन को सत्ता सौंप दी है। हेमंत के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने प्रचंड जीत के साथ दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है। ऐसा पहली बार हुआ जब हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेने की छवि से बाहर निकलकर इतनी बड़ी जीत हासिल की है। झारखंड गठन के बाद ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि लगातार एक ही सरकार को जनता ने दोबारा मौका दिया है।
हेमंत की कप्तानी में ‘इंडिया’ की बड़ी जीत
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को इस चुनाव में प्रचंड जीत मिली है। 81 सीटों में से 56 सीटों पर जीत के साथ इंडिया गठबंधन ने राज्य में दो तिहाई बहुमत हासिल किया है। इंडिया गठबंधन को 2019 में 47 सीटों पर जीत मिली थी। इंडिया गठबंधन की तरफ से झामुमो इस बार 43 सीटों पर लड़ा और 34 पर जीत के साथ लगातार दूसरी बार सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा। झामुमो की यह सबसे बड़ी जीत है। कांग्रेस 30 सीट पर लड़ी और 16 सीट जीती। राजद 06 पर लड़ा और 04 पर जीत का परचम लहराया। माले ने 4 सीटों पर लड़कर दो सीट फतह किया है।
आजसू की हार एनडीए के लिए पड़ी भारी
एनडीए में भाजपा ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार चार सीटों के नुकसान पर है। दूसरे बड़े सहयोगी दल आजसू के अप्रत्याशित रूप से खराब प्रदर्शन के कारण एनडीए बुरी तरह पिछड़ गया। यहां तक कि आजसू सुप्रीमो और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो खुद चुनाव हार गए। भाजपा पिछले चुनाव के मुकाबले चार सीटों के नुकसान के साथ 21 सीट ही जीत सकी। भाजपा इस बार 68 सीटों पर लड़ रही थी। एनडीए के दूसरे बड़े सहयोगी आजसू पार्टी दस सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन सिर्फ एक सीट पर ही जीत सकी। एनडीए फोल्डर के अन्य घटक दल जदयू और लोजपा आर एक-एक सीट जीते।