महंगाई का लगातार उच्च स्तर पर बने रहना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए नीतिगत चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है लेकिन सामान्य बरसात और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान दूर होने से अगले वित्त वर्ष में दबाव कम होने की संभावना है। आरबीआई की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
क्या है रिपोर्ट में
आरबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई नियंत्रण में आ जाएगी और इसका स्तर 5.2 फीसदी तक रहने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में इसके 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
जनवरी से सता रही है महंगाई
जनवरी 2022 से मुद्रास्फीति का स्तर आरबीआई की संतोषजनक ऊपरी सीमा (छह प्रतिशत) से भी अधिक बना हुआ है। अप्रैल में तो मुद्रास्फीति 7.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी हालांकि बाद में इसमें कमी आनी शुरू हुई, फिर भी यह अस्वीकार्य उच्च स्तर पर बनी हुई है।
कर्ज महंगा कर रही ऊंची महंगाई
आपको बता दें कि महंगाई को काबू में करने के लिए शुक्रवार को आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी। इस साल मईसे आरबीआई ब्याज दर में 1.90 फीसदी इजाफा कर चुका है। इससे सभी तरह के कर्ज महंगे हो गए हैं।