मुंबई से मेलबर्न पहुंची भारतीय अनार की पहली खेप

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) ने गुरुवार को बताया कि मुंबई से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न तक भारतीय अनार की पहली खेप सफलतापूर्वक पहुंचा दी गई है।

एपीईडीए ने एक बयान में कहा कि यह एक्सपोर्ट (31 अगस्त को) न केवल वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में भारत की क्षमताओं को रेखांकित करता है, बल्कि नए राजस्व स्रोतों को खोलकर भारतीय किसानों की आय को भी बढ़ावा देता है।

इस खेप को मेलबर्न में सफलतापूर्वक मंजूरी दे दी गई और इसे एपीईडीए इंडिया पैवेलियन में ‘फाइन फूड ऑस्ट्रेलिया 2024’ में प्रदर्शित किया गया, जिससे भारतीय अनार की वैश्विक मांग और बढ़ गई। 1.1 मीट्रिक टन (एमटी) वजन वाली खेप में 336 बॉक्स (प्रत्येक का वजन 3.5 किलोग्राम) शामिल था।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में, भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बांग्लादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, बहरीन और ओमान सहित कई अन्य बाजारों में 69.08 मिलियन डॉलर मूल्य के 72,011 मीट्रिक टन अनार का एक्सपोर्ट किया।

ऑस्ट्रेलिया ने 2020 में भारतीय अनार को बाजार में प्रवेश की अनुमति दी, जिससे भारतीय किसानों के लिए एक नए और आकर्षक बाजार में प्रवेश का रास्ता खुला।

भारत बागवानी फसलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जहां महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अनार का प्रमुख उत्पादन होता है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एपीईडीए ने कहा कि उसने विशेष रूप से अनार के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन फर्म (ईपीएफ) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करना है।

ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण की प्रतिबद्धता, उनके जल्दी खराब होने की प्रकृति के बावजूद, लंबी दूरी के गंतव्यों को निर्यात करते समय उत्पाद विशेषताओं को बनाए रखने के लिए समुद्री प्रोटोकॉल के विकास में स्पष्ट है।

एपीईडीए ने कहा, “यह पहल न केवल वैश्विक बाजारों में भारत की स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि स्थायी निर्यात के अवसर पैदा करके भारतीय किसानों को सीधे तौर पर सहायता भी करती है।”

इन अनारों को अहमदनगर में ऑस्ट्रेलिया द्वारा उनके पैकहाउस में सावधानीपूर्वक पैक किया गया था, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि वे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं।

–आईएएनएस

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