नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत यात्रा पर आए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के संसदीय शिष्टमंडल ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। यूएई शिष्टमंडल का नेतृत्व रक्षा, आंतरिक और विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख डॉ. अली राशिद अल नुआइमी कर रहे हैं।
बैठक के दौरान बिरला ने कहा कि आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी संपर्क में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसकी वजह से, बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यूएई में रहते हैं और वहां की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के नागरिकों के बीच पारस्परिक समझ तथा साझेदारी और लोगों के बीच संपर्क को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वर्ष 2022 में अपनी यूएई की यात्रा का उल्लेख करते हुए बिरला ने यह भी कहा कि संसदों के बीच नियमित चर्चा संवाद से दोनों देशों के बीच अच्छी समझ विकसित हुई है। उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय विषयों पर दोनों देशों के बीच आपसी सहमति को मजबूत संबंधों का आधार बताया। उन्होंने दोनों देशों में संसदीय शिष्टमंडलों के नियमित रूप से आदान-प्रदान को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आवश्यक बताया।
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत और यूएई प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने देशों के विकास और समृद्धि को सुनिश्चित कर रहे हैं। आपसी संवाद से दोनों देशों की संसदें अपनी उपलब्धियों, बेस्ट तरीकों और नई खोज को आपस में साझा कर सकते हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देशों की संसदों की समितियों के बीच नियमित चर्चा संवाद की परंपरा स्थापित होनी चाहिए ताकि दोनों देश एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकें। भारत प्रगति के परस्पर लाभकारी रूप को महत्व देता है। दोनों देश सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान की परंपरा को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और यूएई के बीच पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
बिरला ने कहा कि यूएई की सरकार द्वारा स्वामी नारायण मंदिर के निर्माण को सुलभ कराया गया। उन्होंने इस उपलब्धि को मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण बताया।
विदेशी मेहमान अल नुआइमी ने दोनों देशों के बीच भाईचारे की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विकास और समृद्धि की ओर ले जाने वाले व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक संपर्कों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए दोनों देशों के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना भी की।
–आईएएनएस
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