भोपाल, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भोपाल सरोजिनी नायडू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ एक शिक्षिका के गलत व्यवहार का मामला अब प्रदेश सरकार तक पहुंच गया है। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए शिक्षा सचिव को निर्देश दे दिया गया है।
मंत्री ने कहा, “बच्चों का गुस्सा अचानक नहीं पनप सकता है। यह कई दिनों से चल रहा होगा। स्कूल प्रबंधन भी इसके लिए जिम्मेदार है। जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे लिए बच्चे प्राथमिकता हैं।”
इस स्कूल की छात्राओं ने बुधवार को जमकर बवाल किया था। उन्होंने स्कूल की शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए। दसवीं की एक छात्रा ने कहा कि जब कोई बच्चा स्कूल आने में लेट होता है “तो मैम गेट पर खड़ा कर देती हैं”।
किसी बच्चे के अभिभावक की गाड़ी रास्ते में खराब होती है और वह पैदल चलकर स्कूल आती है तो वह गलत तरीके से पूछती हैं कि कौन छोड़ने आया था। कई बार धूप में खड़ा किया जाता है जिससे बच्चे बेहोश हो जाते हैं। छात्राओं ने कहा, “मैम हमारे साथ बुरा बर्ताव करती हैं। इसलिए हम सभी मैम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।”
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, “लीजिए भाजपा के एक और नारे की पोल खुली, विडंबना है कि इसका साक्षी भी मध्य प्रदेश ही बना। भोपाल सरोजिनी नायडू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” की जगह बेटियों से स्कूल की सफाई करवाओ अभियान चल रहा है। हालात यहां तक आ पहुंचे कि छात्राओं को प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा।”
कांग्रेस के तंज पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी किस्म की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खासकर बेटियों के मामले में हमारी सरकार विशेष संवेदनशीलता के साथ निर्णय करती है।”
–आईएएनएस
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