मैसूर (कर्नाटक), 3 सितम्बर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की चर्चा के बीच सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि वह पार्टी आलाकमान और विधायकों के निर्णय का पालन करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात अपने गृहनगर मैसूर में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कही।
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता आर.वी. देशपांडे के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि नेतृत्व में बदलाव होता है, तो वे मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार हैं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा? इस संबंध में पार्टी के विधायक और आला कमान निर्णय लेंगे। वे जो भी निर्णय वे लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा।”
संवाददाताओं ने जब उनसे पूछा कि लंबे समय बाद वे कैसे तरोताजा दिख रहे हैं, जबकि भाजपा दावा कर रही है कि मुडा मामले के बाद वे सुस्त हो गए हैं, तो सीएम सिद्धारमैया ने हंसते हुए कहा, “इस मामले में विपक्ष ने झूठ बोला है। अगर उनका झूठ साबित नहीं हुआ, तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं। मैंने झूठ नहीं बोला है, न ही मैंने गलत बयान दिए और न कोई गलती की है।”
कांग्रेस सरकार द्वारा कोविड पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट का भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने के आरोप पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि इस संबंध में सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट गुरुवार को कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। “मुझे आयोग की सिफारिश के बारे में नहीं पता। हम इस पर गौर करेंगे।”
भाजपा सांसद और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने दावा किया कि कांग्रेस इस रिपोर्ट का राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। सीएम ने कहा, “जब उनकी उसमें कोई भूमिका ही नहीं है, तो किसी को बहुत ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। वह हताश क्यों हैं? उन्हें कैसे पता चल सकता है कि यह एक झूठी रिपोर्ट है? रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही टिप्पणी करें। भाजपा सांसद सुधाकर दोषी हैं और वह मानसिक रूप से परेशान हैं, उन्हें पता है कि वह दोषी हैं।”
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आयोग ने पाया है कि कोविड महामारी के दौरान पिछली भाजपा सरकार ने 7,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता। “कोविड महामारी से निपटने और रिपोर्ट से पहले भ्रष्टाचार पर मेरे आरोप अलग मामला है। इस संबंध में रिपोर्ट कैबिनेट में रखने के बाद हम कार्रवाई शुरू करेंगे।”
मुडा के पूर्व आयुक्त के निलंबन के सवाल पर सीएम ने कहा कि उन्हें निलंबन के बारे में जानकारी नहीं है और न ही इस बात की जानकारी है कि आदेश में क्या लिखा है। उन्होंने कहा, “जब मुडा घोटाले की जांच के लिए आयोग का गठन होगा, तो उसकी रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।”
श्री चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित करने के बारे में मैसूर राजपरिवार की सदस्य प्रमोदा देवी वाडियार द्वारा विरोध किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह कोर्ट के आदेश के अनुसार किया जा रहा है। भाजपा सांसद यदुवीर वाडियार द्वारा इसे अवैध कदम करार दिए जाने वाले पत्र पर सीएम ने कहा, “हमें कोर्ट के आदेश का पालन करना है, सांसद के निर्देशों का नहीं।”
–आईएएनएस
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