प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के लिए 17 सितंबर को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जारी करेंगे। उद्योग के अनुमान के अनुसार वस्तुओं के दाम में 14 फीसदी लॉजिस्टिक्स लागत भी जुड़ी होती है। यह जितना कम होगा उत्पादन उतने सस्ते हो सकते हैं।
यह कदम इस लिहाज से अहम है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू उत्पादों को प्रतिस्पर्द्धी बनाने में ऊंची लॉजिस्टिक्स लागत प्रतिकूल असर डालती है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक की लागत अधिक है, इसलिए इस नीति की आवश्यकता है। घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना जरूरी है।
बयान में कहा गया कि लॉजिस्टिक्स की कम लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करती है एवं मूल्यवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहित करती है। इस नीति के तहत आगामी वर्षों में लॉजिस्टक की लागत को सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 13 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।