भारत अगर 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करता है, तो देश को करीब एक लाख करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा की बचत होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को यह जानकारी दी।
शाह ने कहा कि जून, 2021 में नरेंद्र मोदी सरकार ने नवंबर, 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था, जिसे पांच महीने पहले हासिल किया गया था। उन्होंने सूरत शहर के बाहरी इलाके हजीरा में कृभको के बायोएथनॉल संयंत्र की आधारशिला रखने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए जैव ईंधन एक अच्छा विकल्प है, जिसका उत्पादन वर्ष 2011-12 के 17.2 करोड़ टन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 21.2 करोड़ टन हो गया है। शाह ने कहा, अमेरिका 55 प्रतिशत एथनॉल का उत्पादन करता है, ब्राजील 27 प्रतिशत और भारत तीन प्रतिशत। मेरे कहने का मतलब यह है कि इस क्षेत्र में बहुत अधिक संभावनाएं हैं, जिसका सहकारी इकाइयों को दोहन करना चाहिए, जैसा कि कृभको ने किया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सहकारी इकाइयों को आगे आना होगा।
46 हजार करोड़ रुपये बचा चुका है भारत
शाह ने कहा कि नवंबर, 2022 के लक्ष्य से पांच महीने पहले हासिल किए गए 10 प्रतिशत मिश्रण ने 46,000 करोड़ रुपये के कच्चे तेल के आयात को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि बायोएथनॉल अनाज, गुड़, पौधों से बनाया जाता है और 10 प्रतिशत मिश्रण से 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन सरकार 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगी, ये आंकड़े दोगुने हो जाएंगे।