झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने सोमवार को विधानसभा में आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। और इसी के साथ आदिवासी नेता सोरेन को राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिली।
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 विधायकों ने मतदान किया, जिनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 15 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन का एक-एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक शामिल था। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सोरेन ने एक दिवसीय विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा , जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं, वह (भाजपा) वहां लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है” और इसी कारण विश्वास मत हासिल करने की जरूरत महसूस हुई।