झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (bjp) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (nda) की उम्मीदवार होंगी। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की। मुर्मू का मुकाबला यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से होगा।
पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन सकती हैं मुर्मू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), जे पी नड्डा (, JP Nadda), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defense Minister Rajnath Singh) , केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल हुए। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर संसदीय बोर्ड की बैठक में 20 नामों पर चर्चा की गई और अंतत: इस बात पर सहमति बनी कि राजग को इस संवैधानिक पद के लिए देश के पूर्वी इलाके से किसी महिला को प्रत्याशी बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चूंकि आज तक कोई आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में नहीं आया है इसलिए राजग ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।
कौन हैं मुर्मू
इस चुनाव में यदि मुर्मू की जीत होती है तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। 64 वर्षीय मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। राजग उम्मीदवार मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि बीजद उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगा। वह ओडिशा में भाजपा और बीजद गठबंधन की सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं।
18 जुलाई को मतदान होना तय
मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत राजग (NDA ) मजबूत स्थिति में है और उसे यदि बीजद या आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसकी जीत निश्चित हो जाएगी।