दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) के बिल्डर (Builder) फ्लैट खरीदारों को समय पर फ्लैट देने में सबसे पीछे हैं। देश के सात प्रमुख शहरों में 4.48 लाख करोड़ रुपये मूल्य की करीब 4.8 लाख आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य अटका हुआ है (residential units remained incomplete) या बहुत देरी से चल रहा है। संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक ने अपनी एक शोध रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। इसके मुताबिक अटकी पड़ी आवासीय इकाइयों में से करीब 2.4 लाख केवल दिल्ली-एनसीआर में हैं।
दिल्ली-एनसीआर का सबसे बुरा हाल
एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अधूरी पड़ी हुई आवासीय इकाइयों में दिल्ली-एनसीआर और एमएमआर का सम्मिलित योगदान 77 प्रतिशत है। वहीं बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद की इसमें भागादारी सिर्फ 9 फीसदीहै। पुणे की हिस्सेदारी करीब 9 फीसदी और कोलकाता की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत है।
इन बिल्डरों की वजह से हो रही देरी
दिल्ली-एनसीआर ने इस साल के पहले पांच महीनों में 16,750 इकाइयों का काम पूरा किया। समूचे एनसीआर क्षेत्र में इस समय 1.81 लाख करोड़ रुपये मूल्य की 2,40,610 इकाइयां अटकी हुई हैं। दिसंबर, 2021 के अंत में एनसीआर में अधूरी पड़ी इकाइयों की संख्या 2,57,360 थी। जेपी इंफ्राटेक, यूनिटेक, आम्रपाली और द 3सी कंपनी समेत कई बिल्डरों के तय समय पर परियोजनाएं पूरी नहीं करने से दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।