सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाली पवन हंस लिमिटेड के लिए निर्णायक बोली लगाने वाले गठजोड़ (कंसोर्टियम) में शामिल अल्मस ग्लोबल के खिलाफ जारी एनसीएलटी के आदेश को देखते हुए इस बिक्री सौदे को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इससे सफल बोलीदाता स्टार9 मोबिलिटी को बड़ा झटका लगा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश की कानूनी समीक्षा की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि हम आगे बढ़ने से पहले एनसीएलटी के आदेश का कानूनी परीक्षण कर रहे हैं। सौदा पूरा होने का पत्र जारी नहीं किया गया है।
पवन हंस के लिए चलाई गई निविदा प्रक्रिया में पिछले महीने मैसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को सफल बोलीकर्ता चुना गया था। इस गठजोड़ में मैसर्स बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मस ग्लोबल ऑपर्चुनिटी फंड शामिल हैं। इस गठजोड़ में अल्मस ग्लोबल की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है।
स्टार9 मोबिलिटी ने पवन हंस की खरीद के लिए 211.14 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जो 199.92 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से थोड़ा अधिक है। इस गठजोड़ में शामिल अल्मस ग्लोबल के खिलाफ एनसीएलटी ने पिछले महीने एक आदेश पारित किया था। कोलकाता स्थित इस कंपनी पर अपने ऋणदाताओं को स्वीकृत समाधान प्रस्ताव के अनुरूप भुगतान नहीं करने का आरोप है। इसके बाद यह मामला एनसीएलटी के पास गया था।
दूसरी बार अटकी विनेश प्रक्रिया
यह दूसरा मौका है जब विनिवेश की प्रक्रिया बीच में लटक गई है। इसके पहले सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) का विनिवेश भी सफल बोलीकर्ता के खिलाफ आरोप लगने के बाद रुक गया था। केंद्र सरकार के उपक्रम सीआईएल में शतप्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए दिल्ली की कंपनी नंदाल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सर्वाधिक 210 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।