एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी के समूह ने रविवार को एक बयान कहा कि उसने भारत में होलसिम लिमिटेड के कारोबार में 10.5 अरब डॉलर में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने का सौदा किया है जिससे समूह का सीमेंट क्षेत्र में प्रवेश होगा। अडानी समूह इस सौदे के पूरा होते ही देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी भी बन जाएगी।
बुनियादी क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा अधिग्रहण
बयान में कहा गया है कि अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के लिए होलसिम की हिस्सेदारी और खुली पेशकश पर विचार का मूल्य 10.5 अरब डॉलर (करीब 81 हजार करोड़ रुपये) है, जो इसे अडानी समूह द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण बनाता है और बुनियादी ढांचे और सामग्री के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा विलय और अधिग्रहण लेनदेन है। वहीं होलसिम ने एक बयान में कहा कि अंबुजा सीमेंट के लिए शेयर कीमत 385 रुपये और एसीसी के लिए शेयर कीमत 2,300 रुपये की इसी पेशकश की कीमत होलसिम के लिए 6.4 अरब सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) की नकद आय में तब्दील हो जाती है।
एक साल से हो रही थी तैयारी
अडानी समूह ने पिछले साल सीमेंट क्षेत्र में दो सहायक कंपनियों अडाणी सीमेंटेशन लिमिटेड और अडाणी सीमेंट लिमिटेड की स्थापना की थी। अडाणी सीमेंटेशन लिमिटेड गुजरात के दहेज और महाराष्ट्र के रायगढ़ में दो सीमेंट इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रही है।
अल्ट्राटेक है भारत की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी
दुनिया की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता होलसिम ने पिछले महीने यहां लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद देश से बाहर निकलने की घोषणा की थी। दो सूचीबद्ध कंपनियों एसीसी और अंबुजा के माध्यम से कंपनी के पास 6.6 करोड़ टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता (एमटीपीए) है। इस अधिग्रहण के बाद अडानी के सीमेंट कंपनी की उत्पादन क्षमता 6.6 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाएगी। वहीं पहले स्थान पर अभी बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक का कब्जा बरकरार रहेगा जिसकी सालाना क्षमता 11.7 करोड़ टन की है।
समूह ने बयान में कही यह बात
अडानी समूह ने एक बयान में कहा कि अडानी परिवार ने एक ऑफशोर स्पेशल पर्पस व्हीकल (सहायक कंपनी) के जरिए घोषणा की है कि उसने भारत की दो प्रमुख सीमेंट कंपनियों अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड में स्विट्जरलैंड स्थित होलसिम लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौते किए हैं। अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से होलसिम की अंबुजा सीमेंट्स में 63.19 फीसदी और एसीसी में 54.53 फीसदी हिस्सेदारी है (जिसमें से 50.05 फीसदी अंबुजा सीमेंट्स के पास है)।
अवसर को पहचानने में माहिर हैं अडानी
गौतम अडानी वर्ष 1988 में कमोडिटी कारोबार की शुरुआत के पहले हीरे के कारोबार में भी हाथ आजमा चुके थे। हालांकि, कमोडिटी कारोबार की शुरुआत के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों में शामिल हैं। हालांकि, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा पाने के अपने सफर में अडानी ने कई उतार-चढ़ाव भी देखें है। 90 के दशक में वह अपहरण का दंश भी झेल चुके हैं। वहीं 2008 में 26/11 के मुंबई हमले में वह होटल ताज में बाल-बाल बचे थे। आज की तारीख में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पछाड़कर भारत और एशिया के सबसे धनवान व्यक्ति बन चुके हैं।