संतूर को दुनियाभर में पहचान दिलाने वाले संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा का मंगलवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। वह भारत के जानेमाने शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने फिल्मों में भी संगीत दिया था। मुंबई के पाली हिल स्थित आवास पर सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच शर्मा का निधन हो गया। अगले सप्ताह उन्हें भोपाल में एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना था। वह गुर्दे की समस्याओं से भी पीड़ित थे।
काम को लेकर दीवानगी
शर्मा के एक पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि उन्हें सुबह दिल का दौरा पड़ा। वह ठीक थे और अगले सप्ताह भोपाल में उनका कार्यक्रम होना था। उनका नियमित डायलिसिस होता था इसके बावजूद वह नियमित कामकाज करते रहते थे। उनके परिवार में पत्नी मनोरमा और बेटे राहुल तथा रोहित हैं। पद्म विभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। माना जाता है कि वह पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है। शिवकुमार शर्मा को 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री तथा 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था
प्रधानमंत्री मोदी समेत दिग्गजों ने दी श्रद्धांजली
शर्मा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारे सांस्कृतिक जगत की क्षति हुई है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर संतूर को लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित करता रहेगा। उनके साथ हुई बातचीत मुझे याद है। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति। बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, प्रख्यात संतूर वादक और अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय संगीतकार पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन का समाचार पाकर दुख हुआ। उनके जाने से सांस्कृतिक जगत की हानि हुई है। मेरी गहरी संवेदनाएं।
शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट किया, पंडित शिव कुमार शर्मा जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। वह संतूर वादन के पुरोधा थे और उनका योगदान अतुलनीय है। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है। गजल गायक पंकज उधास, संगीतकार सलीम मर्चेंट ने भी शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया।