कोरोना संकट ने कर्मचारियों को जहां स्मार्ट बना दिया है। वहीं कंपनियों के वादों की पोल खोल कर रख दी है। नौबत यहां तक आ पहुंची है कि कर्मचारियों को साथ बनाए रखने में कंपनियों के पसीने छूट रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती नए जमाने की टेक यानी तकनीकी कंपनियों को आ रही है। एक रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट ने खोली कंपनियों की पोल
कोविड-19 महामारी के कारण प्रौद्योगिकी क्षेत्र के संगठनों को सबसे ज्यादा परेशानी कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने और संगठनों के साथ कर्मचारियों के जुड़ाव में आई। कौशल तलाश एवं सलाहकार कंपनी पीपल्सएसेट की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुए अन्य क्षेत्रों में राजस्व, ग्राहकों के साथ जुड़ाव, नए ग्राहक और परियोजनाएं, कर्मचारियों की उत्पादकता भी शामिल हैं। यह रिपोर्ट कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। इसके मुताबिक, 88.9 फीसदी अधिकारियों ने माना कि कोविड-19 का उनके संगठनों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का जुड़ाव और उन्हें अपने साथ बनाए रखने में बहुत मुश्किलें आईं हैं।
तेजी से नौकरी छोड़ रहे कर्मचारी
रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों के जुड़ाव की बात करें तो संगठनों के साथ जुड़ाव के अहसास में कमी आई, आपसी संपर्क कम हुए, संवाद, टीम के बीच सहयोग और कामकाज तथा दैनिक जीवन में संतुलन में भी कमी आई। महामारी के दौर में दुनिया भर में बड़ी संख्या में कर्मचारियों, खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कर्मचारियों ने नौकरियां छोड़नी शुरू कर दीं। इससे श्रमबल की आपूर्ति और मांग के बीच बड़ा अंतर आ गया।